बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन कार्यरत वानिकी संकाय का डीन डॉ एमएस मल्लिक को बनाया गया है। मंगलवार को इस बाबत विश्वविद्यालय द्वारा आदेश जारी किया गया। उन्हें डॉ एमएच सिद्दीकी के सेवानिवृत्त होने पर संकाय का प्रभारी डीन बनाया गया है। वे एक जुलाई से डीन फॉरेस्ट्री होंगे।
वानिकी संकाय के सबसे वरीय प्राध्यापक डॉ मल्लिक ने तमिलनाडु से फॉरेस्ट्री विषय पर पीजी व पीएचडी की डिग्री हासिल की है। उन्हें करीब 32 वर्षो का शिक्षण अनुभव है। विवि में करीब 16 वर्षो से विश्वविद्यालय प्राध्यापक के पद पर कार्यरत है। वे संकाय के वनवर्धन एवं कृषि वानिकी विभाग के अध्यक्ष भी है। उन्होंने 20 पीजी और एक पीएचडी छात्र को गाइड किया है। वर्त्तमान 4 पीएचडी छात्र उनके अधीन शोधरत है।
डॉ मल्लिक विवि में संचालित परियोजना विश्व बैंक संपोषित नाहेप–कास्ट और आईसीएआर-एआईसीआरपी आँन एग्रो फॉरेस्ट्री के मुख्य परियोजना अन्वेंषक हैं। उन्होंने कोल माइंस फॉरेस्ट्री परियोजना तथा बांस मिशन में भी कार्य किया है।
डॉ मल्लिक ने फॉरेस्ट्री कॉलेज को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने की बात कही है। उन्होंने क्वालिटी टीचिंग, रिसर्च एवं एक्सटेंशन की गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने तथा संकाय के विकास में सभी संभव प्रयास करने की बात कही है।
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