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बीएयू में 41वें खरीफ अनुसंधान परिषद् की दो दिवसीय बैठक का समापन
रांची। पूरे प्रदेश की खरीफ शोध रणनीति पर चर्चा और अनुशंसा के लिए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित 41वें खरीफ अनुसंधान परिषद् की दो दिवसीय बैठक का समापन हुआ। बैठक में कृषि, वानिकी, पशुपालन व पशु चिकित्सा, जैव प्रौद्योगिकी एवं मात्स्यिकी विषयों पर चलाये जा रहे शोध कार्यक्रमों की उपलब्धि और आगामी खरीफ रणनीति को सभी विभागों ने प्रस्तुत की।
कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विषय एक्सपर्ट की मौजूदगी में विभिन्न विभागों के अध्यक्षों ने शोध उपलब्धियों को रखा। बैठक में आईसीएआर, नई दिल्ली के सौजन्य से विवि में संचालित सभी 29 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, एक मेगा प्रोजेक्ट, 3 नेटवर्क प्रोजेक्ट, भारत सरकार के उपक्रमों के सौजन्य से कार्यरत 6 प्रोजेक्ट और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की 3 प्रोजेक्ट के कार्यक्रमों पर सविस्तार चर्चा की गई। मौके पर विवि अधीन कार्यरत राज्य के तीन क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रों के सह निदेशकों ने भी सभी शोध गतिविधियों को रखा।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने वैज्ञानिकों को कृषि क्षेत्र में उभरते उन्नत तकनीकों पर प्रभावी शोध कार्यक्रम बनाने और पॉलिसी डॉक्यूमेंट तैयार करने को कहा। पीजी और पीएचडी छात्रों की गुणवत्तायुक्त अनुसंधान कार्य के लिए डीन पीजी डॉ एमके गुप्ता की अध्यक्षता कमेटी गठित करने की घोषणा की। उन्होंने स्थानीय किसानों की आवश्यकता, अपेक्षा एवं प्राथमिकताओं के उद्देश्यों पर आधारित शोध कार्यक्रमों को दिशा देने पर जोर दिया। बदलते मौसम पर आधारित लचीली जलवायु कृषि तकनीक विकसित करने और विभिन्न फसलों की पोषण युक्त बायोफोर्टीफाईड किस्मों के विकास पर शोध कार्यक्रम केंद्रित करने पर बल दिया।
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बैठक में बीएयू द्वारा विकसित एवं अनुशंसित सभी उन्नत तकनीकों से युक्त कंपेडियम ऑफ़ टेक्नोलॉजीज नामक पुस्तक प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया। देशी गो नस्ल पर विशेष शोध, संकर सूकर प्रजाति झारसुक एवं संकर मुर्गी प्रजाति झारसीम के विस्तारीकरण की रणनीति तय की गई। एकीकृत कृषि प्रणाली, कृषि वानिकी, औषधिय पौधों आदि लाभकारी कृषि तकनीकों के विभिन्न आयामों के शोध कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया।
मुख्य अतिथि झारखंड की कृषि निदेशक निशा उरांव थीं। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के पूर्व कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह, कृषि एक्सपर्ट डॉ एसबी पांडे और वेटनरी एक्सपर्ट डॉ डीके सिंह द्रोण ने झारखंड कृषि एवं स्थानीय किसानों के उपयुक्त महत्वपूर्ण सुझाव रखें।
मौके पर चान्हो (रांची) के प्रगतिशील किसान नंद किशोर साहू (नंदू) ने बीएयू वैज्ञानिकों के तकनीकी मार्गदर्शन से फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि से आजीविका सुरक्षा पर प्रकाश डाला।
बैठक का आयोजन निदेशालय अनुसंधान द्वारा किया गया। बैठक का संचालन करते हुए डायरेक्टर रिसर्च डॉ ए वदूद ने शोध कार्यक्रमों का सार रखा। धन्यवाद डिप्टी डायरेक्टर रिसर्च डॉ सीएस महतो ने किया। मौके पर डॉ एमएस यादव, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ एमएस मल्लिक, डॉ एमके गुप्ता, डॉ जगरनाथ उरांव, डॉ डीएन सिंह, डॉ डीके शाही, डॉ पीके सिंह, डॉ सोहन राम, ई डीके रूसिया, डॉ राकेश कुमार आदि मौजूद थे।
The post कृषि के अभिनव तकनीकों के प्रभावी शोध कार्यक्रमों की बनीं रणनीति appeared first on Birsa Agricultural University.