बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), चतरा में 28 अगस्त को पहली बार ड्रोन के माध्यम से कीटनाशी और कीट व्याधि का छिड़काव किया गया। इसे प्रदर्शन के तौर पर किया गया। जिले के किसानों को ड्रोन के प्रयोग से कीटनाशी और कीट व्याधि के छिड़काव के बारे में अवगत कराया गया।
यह प्रदर्शन केवीके परिसर के दो हेक्टेयर भूमि में लगे धान के खेत में ड्रोन से छिड़काव किया गया। इसे केवीके में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बीज एवं खाद डीलर, केवीके वैज्ञानिक, जिले के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं जनसेवक ने देखा। यह प्रदर्शन चतरा प्रखंड के दरियातु गांव के किसान बनवारी ठाकुर के 2 हेक्टेयर धान के खेत में किया गया। इसे आसपास के गांव सहित करीब 200 किसानों ने देखा।
केवीके के प्रधान डॉ रंजय कुमार सिंह ने बताया कि ड्रोन तकनीकी से एक दिन में 25 से 30 एकड़ में लगे फसल पर कीटनाशी और कीट व्याधि का छिड़काव किया जा सकता है। कीट ब्याधि के बड़े पैमाने पर प्रकोप होने पर यह काफी कारगर साबित होगी। इसके उपयोग से कम समय एवं श्रम शक्ति से अधिक क्षेत्र में छिड़काव हो सकता है। साथ ही, रसायनों से दूरी की वजह से मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव नहीं पड़ता है।
यह प्रदर्शन चेन्नई के गरुदा एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया गया। संचालन केवीके वैज्ञानिक ई विनोद कुमार पांडेय ने किया। किसानों एवं पदाधिकारियों को कृषि कार्य में ड्रोन तकनीकी के उपयोग की जानकारी दी। प्रदर्शन कार्यक्रम में केवीके वैज्ञानिक धर्मा उरांव, कर्मी जुनैद आलम, अभिजित घोष, अभिषेक घोष एवं नवल किशोर ने सहयोग दिया।
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