बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित रांची वेटनरी कॉलेज में कार्यरत दो वैज्ञानिक को उत्कृष्ट कार्यो के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला। डॉ लवलिन श्वेता खाखा और डॉ प्रवीण कुमार को कॉन्फ्रेंसिंग ऐप मोड (ऑनलाइन मोड) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में वेटरनरी मेडिसिन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान मिला। कॉलेज के मेडिसिन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ प्रवीण कुमार को एक्सीलेंस इन टीचिंग अवार्ड प्रदान किया गया। वेटनरी क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स की सहायक प्राध्यापक (संविदा) डॉ लवलिन श्वेता खाखा को वेटरनरी साइंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
सम्मलेन के दौरान डॉ लवलिन श्वेता खाखा और डॉ प्रवीण कुमार द्वारा लिखित ‘खरगोशों में सरकोप्टिक मेंज का सफल चिकित्सीय प्रबंधन’ विषयक शोध पत्र को सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में रखा गया। द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
डॉ प्रवीण कुमार ने बताया कि खरगोश में पाए जाने वाले सरकोप्टिक मेंज नामक बीमारी में चमड़े के ऊपरी भाग में खुजली एवं बाल झड़ने के लक्षण दिखलाई पड़ते है। खरगोश खाना-पीना छोड़ देते है। शोध में आईवरमेक्टीन नामक दवा का 15 दिनों के प्रयोग से बीमारी उपचार में सफलता मिली है।
सतत विकास के लिए कृषि, पर्यावरण एवं जैव विज्ञान में प्रगति विषयक इस 5वां अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन को जूम ऐप वीडियो माध्यम से किया गया था। इसमें देश-विदेश के 300 से अधिक वेटनरी साइंटिस्ट ने भाग लिया। इसका आयोजन एग्रो एनवायरमेंटल डेवलपमेंट सोसाइटी, उत्तर प्रदेश, सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पासीघाट और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर, मध्यप्रदेश के संयुक्त तत्वावधान किया गया था।
वेटनरी वैज्ञानिकों को सम्मानित किये जाने पर कुलपति डॉ ओएन सिंह ने हर्ष व्यक्त किया और शुभकामना दी। डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद एवं शिक्षकों ने भी वैज्ञानिकों को बधाई दी।
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