Quantcast
Channel: Birsa Agricultural University
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2473

झारखंड से कृषि उत्पादों के निर्यात की अपार संभावनाएं : डॉ ओएन सिंह

$
0
0

 

झारखंड से कृषि उत्पादों के निर्यात की अपार संभावनाएं : डॉ ओएन सिंह

देश के बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद विकास अभिकरण (एपीडा) की अग्रणी भूमिका रही है। झारखंड एवं पड़ोस के राज्यों से कृषि उत्पादों के निर्यात की अपार संभावनाएं है। कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने से किसानों की आय बढ़ेगी। राज्य से सब्जी, फल, मधु एवं तसर आदि उत्पादों को चिन्हित कर निर्यात को बढ़ावा दी जा सकती है। इस दिशा में कृषि विश्वविद्यालय तकनीकी एवं मानव संसाधन सहयोग देने को तैयार है। कृषि उत्पाद निर्यात की दिशा में राज्य सरकार के विभागों, कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि हितकारकों के सहयोग से सही योजना एवं प्रबंधन की पारदर्शी रणनीति का विकास करना होगा। किसानों को कृषि उत्पादों के निर्यात विषय पर जागरूक करने की। राज्य में एपीडा के माध्यम से फार्मर्स प्रोडूसर कमिटी (एफपीसी) एवं फार्मर्स प्रोडूसर आर्गेनाइजेशन(एफपीओ) के विस्तारीकरण की। उक्त विचार एपीडा एवं बीएयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कृषि उत्पादों के निर्यात पर किसानों का क्षमता विकास कार्यक्रम में कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने रविवार को कही।

 

रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी भवेशानंद ने कहा कि हमारे किसान सदियों से देश के देवदूत है। किसानों की उन्नति एवं आत्मनिर्भरता से ही राज्य एवं देश के विकास दिशा मिलेगी। इसके लिए कृषि, पशुपालन एवं विपणन पर समावेशी प्रयासों की जरूरत है। कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ विपणन पर भी ध्यान देना होगा। देश के किसानों के हित में विपणन आधारित कृषि समय की महत्वपूर्ण मांग है। एमएसपी की जगह कृषि उत्पादों की फार्मर्स रिटर्न प्राइस को पारदर्शिता के साथ निर्धारित कर किसानों को आत्मनिर्भर किया जा सकेगा।

डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने कहा कि किसानों द्वारा काफी अधिक कृषि पैदावार की जाती है, लेकिन पैदावार को बेचने में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्हें कृषि उत्पाद के उचित मूल्य नहीं मिल पाती है। कृषि उत्पादों के उचित मूल्य के लिए किसानों को जागरूक करने एवं उत्साहवर्धन की जरूरत है। निर्यात से जुड़े कृषि उत्पादों की गुणवत्ता एवं मापदंड की जानकारी के व्यापक प्रचार से ही किसानों को जागरूक करना होगा।

एपीडा के पूर्वी क्षेत्र प्रभारी संदीप साहा ने कहा कि भारत सरकार ने राज्य स्तर पर कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा को नामित किया है। इसे राज्यों द्वारा नामित नोडल एजेंसी एवं किसान उत्पादक संगठनों की भागीदारी से आगे बढ़ाया जा रहा है। किसानों को कृषि उत्पादों का उचित मूल्य मिले। कृषि लागत का मूल्यांकन एवं कृषि निर्यात को बढ़ावा के उद्देश्य से आज के दिन पूरे देश में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। राज्य के रांची एवं हजारीबाग जिले में करीब 80 किसान उत्पादक संगठन इस ओर प्रयासरत है।

विशेष सचिव एवं कृषि परामर्शी प्रदीप हजारी ने कहा कि झारखंड की कृषि व्यवस्था समय के साथ एफपीओ, राज्य सरकार, कृषि विश्वविद्यालय, नाबार्ड, एसएफएसी, सीडब्लूसी और गैर सरकारी संगठनों की मदद से उन्नति कर रही है। राज्य में बासमती चावल, गेहूं, मक्का, दालों, हरी सब्जियों एवं फल का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। कृषि निर्यात को बढ़ावा देकर राज्य के किसानों को स्वाबलंबी बनाने की दिशा में राज्य सरकार भी प्रयासरत है। जरूरत सामूहिक प्रयासों की है।

कार्यक्रम में विशेषज्ञों में बीएयू के डॉ बीके झा में गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस, डॉ प्रमोद राय ने कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन एवं प्रसंस्करण, रांची जिला उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार ने राज्य में एग्रीकल्चर मार्केटिंग सिस्टम एवं निर्यात की संभावना पर अपने विचारों को रखा। समारोह का संचालन और धन्यवाद मृतुन्जय कुमार सिंह ने दी।

कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से हजारीबाग जिले के करीब 60 एफपीओ ने भाग लिया। मौके पर सीडब्लूसी के अभिषेक आनंद, ट्राइबल इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की डॉ वासावी किड़ो और विभिन्न जिलों के करीब 100 एफपीसी, एफपीओ एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।

The post झारखंड से कृषि उत्पादों के निर्यात की अपार संभावनाएं : डॉ ओएन सिंह appeared first on Birsa Agricultural University.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 2473

Trending Articles