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राष्ट्रीय स्तर पर देश के कृषि विश्वविद्यालयों की आईसीएआर रैंकिंग-2020 की घोषणा कर दी है। जारी रैंकिंग के मुताबिक झारखंड के एकमात्र बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) को 58वां रैंक मिला है। इसे देश के 67 कृषि विश्वविद्यालयों के मूल्यांकन के बाद घोषित किया गया है। तकनीकी भूलवश वर्ष 2018 में बीएयू को रैंकिंग प्रणाली में शामिल नहीं किया था। बीएयू को वर्ष 2019 में 60वां रैंक मिला था।
वर्तमान कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह की पहल पर विवि की रैंकिंग में लगातार दूसरे वर्ष सुधार आया है। अखिल भारतीय स्तर पर रैंक में इस सफलता पर विवि के डीन, डायरेक्टर, रजिस्ट्रार, वरीय पदाधिकारी, शिक्षक एवं वैज्ञानिकों ने खुशी जाहिर की। शिक्षक एवं वैज्ञानिकों की घोर कमियों के बावजूद विवि को रैंकिंग मिलने पर एक सकारात्मक उपलब्धि बताया।
शिक्षक-वैज्ञानिकों की कमी
कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि 6-7 वर्षो से विश्वविद्यालय नियमित शिक्षक एवं वैज्ञानिकों की कमी से जूझ रहा है। हाल के 4 वर्षो में 7 नये कॉलेज स्थापित किये गये, जहां नियमित शिक्षकों का आभाव है। फिर भी विश्वविद्यालय के शिक्षक, वैज्ञानिक एवं कर्मचारी अच्छे परिणाम देने की कोशिश में लगे है। विवि की समस्याओं के समाधान के प्रति राजभवन एवं राज्य सरकार बेहद संवेदनशील है। सहयोग भी मिल रहा है। विवि की स्थिति में सुधार के लिए प्रयास चल रहे है। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में नियमित शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों तथा कर्मचारियों का नहीं होना सबसे बड़ी बाधा है। मापदंडों में कमी के बावजूद विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय पहचान मिलना बड़ी सफलता का परिचायक है।
छात्रों ने नाम रोशन किया
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद वर्ष 2021 में शोध क्षेत्र में 12 से उन्नत फसल किस्मों और 11 कृषि मशीनरी का विकास एवं एक तकनीकी पेटेंट में उपलब्धि मिली है। राष्ट्रीय परीक्षाओं में यूजी एवं पीजी छात्रों ने विवि का नाम रोशन किया है। सरकार के सहयोग से आने वाले वर्षो में विवि 20 रैंक के सुधार के प्रति आशांवित है।
कुलपति ने रैंकिंग के लिए सूचना के संकलन एवं प्रेषण में सहयोग के लिए विवि के डीन, डायरेक्टर, कुलसचिव एवं कर्मचारियों और विशेष सहयोग के लिए समिति सदस्य सचिव डॉ बसंत कुमार झा का आभार जताया है। पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी है।
देश में 71 कृषि विवि संचालित
बताते चले कि उच्च कृषि शिक्षा के क्षेत्र में देश में 64 राज्य कृषि विश्वविद्यालय, 3 केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय और 4 डीम्ड कृषि विश्वविद्यालय सहित 71 कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं। इनमें से आईसीएआर रैंकिंग में 67 कृषि विश्वविद्यालयों को ही स्थान मिला है। पहला स्थान राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल, दूसरा स्थान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, तीसरा स्थान भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान नई दिल्ली, चौथा स्थान जीबी पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर और पांचवा स्थान पंजाब कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय लुधियाना को मिला है। कामधेनु कृषि विश्वविद्यालय गांधीनगर को 67वीं रैंकिंग मिली है।
वर्ष 2017 से रैकिंग हो रही
आईसीएआर ने वर्ष 2017 से कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग की शुरुआत की थी। इसे कृषि विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता मानकों में सुधार और उनकी दृश्यता को वैश्विक रैंकिंग के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य किया गया है। इसके द्वारा देशभर में उच्च कृषि शिक्षा की गुणवत्ता और प्रासंगिकता को बढ़ाने के लिए मूल्यांकन द्वारा उत्कृष्टता और प्रासंगिकता पर विचार किया जाता है। इस मूल्यांकन में विश्वविद्यालयों के शिक्षण संसाधनों और परिणाम, संकाय प्रोफ़ाइल, छात्रों का प्रदर्शन, अनुसंधान उत्पादकता, प्रभाव एवं उत्कृष्टता, विस्तार गतिविधि, आउटरीच कार्यक्रम, राजस्व सृजन और विश्वविद्यालय के संकाय, छात्र और कर्मचारियों की मान्यता आदि जैसे 18 मापदंडों पर गौर की जाती है।
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