बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने समय, श्रम, संसाधन की बचत तथा ज्यादा परफेक्शन के साथ कृषि कार्य संपन्न करने के लिए कृषि क्षेत्र में सूचना संचार प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक इस्तेमाल पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आईटी का इस्तेमाल अब केवल सूचना के आदान-प्रदान के लिए नहीं बल्कि अधिकांश वैसे कार्यों के निष्पादन में भी किया जा रहा है जो मनुष्य द्वारा किए जाते हैं.
डॉ सिंह ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित स्मार्ट कृषि’ पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार सह कार्यशाला को संबोधित किया. सोमवार को हुए इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अनुसंधान और विकास संगठनों को कृषि क्षेत्र के समक्ष भविष्य में पैदा होने वाली समस्याओं और चुनौतियों का अग्रिम आकलन करने में भी आईटी का इस्तेमाल करना चाहिए. ताकि उनसे निबटने के लिए समय पर प्रभावी रणनीतियां तैयार की जा सकें.
आईटी सेक्टर के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बढ़ाया गया बजट भी इस क्षेत्र की महत्ता को रेखांकित करता है. उन्होंने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और सरकार द्वारा जारी किये गये उन्नत फसल प्रभेदों को लोकप्रिय बनाने हेतु भी आईटी के इस्तेमाल पर जोर दिया.
इस अवसर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन भी किया गया. बीएयू के कृषि प्रसार एवं संचार विभाग तथा राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (नाहेप) द्वारा आयोजित इस सेमिनार को सेंटर फॉर डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) नोएडा और कोलकाता, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, प्रसार विज्ञान अकादमी, कटक तथा नाबार्ड, रांची का सहयोग प्राप्त है.
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