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ग्रामीण कृषि मौसम सेवा से जुड़कर किसान लाभ उठाएं : निदेशक अनुसंधान

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ग्रामीण कृषि मौसम सेवा से जुड़कर किसान लाभ उठाएं : निदेशक अनुसंधान

झारखंड में वर्षापात में असमानता, अतिवृष्टि या अनावृष्टि, बाढ़, सुखाड़, परिवर्तनशील जलवायु एवं प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में किसानों को कृषि कार्यों में अनेकों बाधाओं का सामना करना पड़ता है। बदलते मौसम परिवेश और विषम मौसम से फसल बर्बादी एवं फसल उत्पादन में कमी आदि बातों की आशंका बनी रहती है। इनसे बचाव एवं समाधान के बारे में किसान ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (एएमएफयू) का लाभ ले सकते है। इस सेवा के अधीन अगले 5 दिनों के मौसम आधारित खेती परामर्श बुलेटिन से खेती-किसानी को आसन बनाया जा सकता है। उक्त बातें बीएयू निदेशक अनुसंधान एवं नोडल पदाधिकारी (एएमएफयू परियोजना) डॉ अब्दुल वदूद ने जलवायु परिवर्तन व कृषि विषय पर किसानों के लिए आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में कही।

डॉ वदूद ने स्थानीय मौसम के विभिन्न पहलुओं और एएमएफयू सेवा की विस्तृत जानकारी से किसानों को अवगत कराया। किसानों को इस सेवा से जुड़कर प्राप्त सूचना के आधार पर कृषि क्षेत्र में बेहतर लाभ लेने के मौलिक तकनीकी की जानकारी दी।

रांची मौसम केंद्र के वैज्ञानिक एससी मंडल ने किसानों को कृषि आधारित मौसम विज्ञान तकनीक, इसके प्रकार, जलवायु एवं जलवायु से सबंधित आकड़े आदि का कृषि कार्य में प्रभाव के बारे में बताया।

मौके पर कनीय वैज्ञानिक डॉ प्रज्ञा कुमारी ने कृषि कार्य की रणनीतिक योजना के लिए आवश्यक मौसम की जानकारी जैसे फसल उत्पादन के दौरान सामान्य वर्षा व तापमान आदि तथा कृषि में अनावश्यक मौसम का जोखिम जैसे मौनसूनी वर्षा में देरी, समय से पहले ही मौनसून की वापसी, ओला वृष्टि, भारी वर्षा, सामान्य से अधिक या कम तापमान से फसल पर प्रभाव एवं बचाव की जानकारी दी।

जागरुकता कार्यक्रम अभियान के तहत प्रक्षेत्र भ्रमण में एसआरएफ संजीव कुमार ने किसानों को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित कृषि मौसम वेधशाला में मौसम मापी उपकरणों की उपयोगिता और ग्रामीण कृषि मौसम सेवा से सबंधित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। इस सेवा से संलग्न किसानों और अन्य किसानों से मौखिक प्रतिक्रिया को जाना। इसके तहत किसानों से इस सेवा से लाभ मिलने या नहीं मिलने, किसानों के बीच मौसम सबंधित जानकारी का समय पर उपलब्धता, परामर्श बुलेटिन के आधार पर कृषि कार्य कलापों की स्थिति, परामर्श पालन के बाद फसलों की स्थिति एवं इस सेवा से जुड़ने के सबंध में जानकारी ली गई।

कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद डॉ प्रज्ञा कुमारी ने किया। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम एवं पर्यावरण विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के अधीन आयोजित इस कार्यक्रम में रांची जिले के बेड़ो एवं रातु प्रखंड के करीब 55 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।

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