
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कृषक महिलाओं की तकलीफें दूर करने के लिए कम लागतवाले छोटे कृषि यंत्रों के विकास पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में अधिकांश कृषि कार्य महिलाएं करती हैं, इसलिए बोआई, कटाई, दौनी आदि कार्यों के लिए ऐसे छोटे यंत्र डिजाइन किये जाने चाहिए, जिनके संचालन में महिलाओं को सुविधा हो तथा उनके समय एवं श्रम की बचत हो. कुलपति गुरुवार को बीएयू के कृषि अभियंत्रण विभाग द्वारा आयोजित तकनीकी एवं मशीनरी प्रत्यक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उपकरण 50 से 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध
झारखंड कृषि मशीनरी टेस्टिंग एवं प्रशिक्षण केंद्र के कार्यकारी निदेशक आरपी सिंह ने कहा कि राज्य में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए छोटे-बड़े ट्रैक्टर से लेकर सभी प्रकार के कृषि यंत्र एवं उपकरण 50 से 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध हैं. इच्छुक किसान जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी या जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं. अनुदान का प्रतिशत जितना झारखंड में है, उतना अन्य किसी राज्य में नहीं. जिन केन्द्रीय योजनाओं में 40-50 प्रतिशत अनुदान है उनमें भी राज्य सरकार ने अपना अंश लगाकर 80-90 प्रतिशत कर दिया है. जिन्हें अनुदान लेकर खरीदने में रूचि नहीं हो, वैसे किसान आसपास के कृषक समूह से किराये पर भी ले सकते हैं.
The post BAU: कृषक महिलाओं के अनुकूल कृषि यंत्रों का विकास हो: डॉ ओंकार नाथ सिंह appeared first on Birsa Agricultural University.