कुलपति ने विश्वविद्यालय परिसर एवं नये महाविद्यालयों में अगस्त माह तक वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाने का निर्देश, विद्यार्थियों को गाँवों में वृक्षारोपण के लिए दो पौधे मुफ्त मिलेंगे
हमारे प्राकृतिक संसाधनों में मिट्टी, जल एवं वायु के प्रदूषित होने से पर्यावरण सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ा है. झारखण्ड के शहरों खासकर रांची का औसत तापमान बढ़ रहा. लगातार 42-43 डिग्री तापमान का बने रहना भावी विकट खतरे का संकेत है.
हमारे अग्रज कृषि वैज्ञानिकों ने हमें हरित क्रांति दिया और खाद्यान संकट से निजात दिलाई. जबकि आज की पीढ़ी पर्यावरण प्रदूषण को नजरअंदाज करके पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा देकर भावी पीढ़ी के जीवन एवं खाद्यान संकट को बढा रही है.
ऐसी स्थिति में आज पौधा लगाओं और पौधा बचाओं अभियान द्वारा पर्यावरण सुरक्षा पर जागरूकता एवं आवश्यकता पर फोकस करनी होगी.
प्रकृति में आँक्सीजन एवं कार्बन की उपलब्धता पर संतुलन बनाये रखना होगा. विश्व पर्यावरण दिवस पर कृषि संकाय में आयोजित विचार गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने उक्त बातें कही.
कुलपति ने पूरे विश्वविद्यालय परिसर के खाली स्थानों एवं सभी 7 नये महाविद्यालयों में अगस्त माह तक सघन वृक्षारोपण अभियान चलाने का निर्देश दिया.
इस अभियान में सभी विद्यार्थियों को शामिल करने तथा विद्यार्थियों को उनके घरों या गाँवों में लगाने हेतु दो पौधे मुफ्त देने का निर्देश दिया.
उन्होंने विवि में ग्रीन कैंपस की अवधारणा को साकार करने पर जोर दिया तथा पदाधिकारी को पूरे परिसर में लगे वृक्षों का डाटाबेस एवं डॉक्यूमेंट तैयार करने का निर्देश दिया
विशिष्ट अतिथि डॉ एसके पाल ने कहा कि पिछले 50 वर्षो में भी पर्यावरण सुरक्षा काफी कम और पर्यावरण का क्षरण कहीं अधिक हुआ है.
आज मिट्टी दूषित होने से जल प्रदूषण बढ़ा है. मिट्टी एवं जल प्रदूषण से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है. वायु प्रदूषण में कमी लाने हेतु हमें इंधन चालित वाहनों, प्लास्टिक, एयर कंडीशन आदि कार्बन उत्सर्जित करने वाले साधनों के उपयोग में कमी लानी होगी.
कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा ने कहा कि जल, जंगल एवं जमीन की रक्षा झारखण्ड की पहचान है.
लेकिन विकास की आंधी एवं प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन एवं उपेक्षा से पर्यावरण असंतुलन बढा है. हमें आने वाली पीढियों के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना होगा.
डीएसडब्लू डॉ डीके शाही ने कहा कि आज के दिन प्रकृति के सभी तरह के प्राकृतिक आवरण की सुरक्षा के प्रति आम लोंगो को संकल्पित करने का अवसर है. उन्होंने पर्यावरण में सुधार और इसके विकास के लिए मिट्टी के बेहतर स्वास्थ्य पर जोर दिया.
डीन फॉरेस्ट्री डॉ एमएस मल्लिक ने आजादी के बाद पर्यावरण क्षरण पर प्रकाश डाला. कहा कि पर्यावरण संतुलन में लोगों को वृक्षारोपण में बहु उपयोगी पौधा का रोपण तथा कृषि कार्य में वानिकी के समायोजन से कृषि वानिकी को बढ़ावा देना होगा.
पीएनबी के सर्किल हेड अमित कुमार ने पर्यावरण सुरक्षा की सुर और असुर के बीच संग्राम से तुलना की और सामुदायिक माध्यमों से अधिकाधिक पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों पर बल दिया.
स्वागत भाषण में एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ बीके झा ने इस दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए पर्यावरण जागरूकता से ऊपर उठकर पर्यावरण सुरक्षा करने, पेड़ लगाने से ज्यादा उत्साह के साथ पेड़ बचाने पर जोर दिया.
संचालन एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी (वानिकी) डॉ जय कुमार तथा धन्यवाद एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी (पशु चिकित्सा) डॉ प्रवीण कुमार ने की. कार्यक्रम में डीन पीजीएस डॉ एमके गुप्ता, पीएनबी प्रबंधक ओपी शर्मा, ई डीके रूसिया, डॉ बसंत उराँव, डॉ अनिल कुमार, डॉ अमित कुमार, डॉ अदिति गुहा चौधरी सहित विभिन्न महाविद्यालयों में एनएसएस से जुड़े 400 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया.
बीएयू में एनएसएस प्रकोष्ठ ने वृक्षारोपण चलाया
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर रविवार को बीएयू एनएसएस प्रकोष्ठ द्वारा विवि मुख्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया गया.
मौके पर कुलपति ओंकार नाथ सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारी, पंजाब नेशनल बैंक के पदाधिकारी तथा एनएसएस वालंटियर्स विद्यार्थियों ने स्वर्ण चंपा, करंज, सागवान, महुआ एवं नीम के पौधों को लगाया तथा पौध सुरक्षा का संकल्प लिया गया.
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