Quantcast
Channel: Birsa Agricultural University
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2473

मोटे अनाज का प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन कर बढ़ा सकते हैं किसानों की आय

$
0
0

 बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान विभाग और आईसीएआर-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी (आईआईएबी), रांची के संयुक्त तत्वावधान में मोटे अनाजों के विशेष संदर्भ में खाद्य प्रसंस्करण विषयक 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। इसके उद्घाटन पर सामुदायिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं पाठ्यक्रम समन्यवयक डॉ रेखा सिन्हा ने कहा कि राज्य में परंपरागत तौर पर मोटे अनाजों में मड़ुआ, गुन्दली, सांवा, कोदो और रामदाना की खेती प्रचलित थी। बाजार की मांग को देखते हुए किसानों को इन फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा।

डॉ सिन्‍हा ने कहा कि मोटे अनाजों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन तकनीक से मोटे अनाज का बाजार मूल्य को बढ़ाकर किसानों की आय में बढ़ोतरी किया जाना संभव है। इन मोटे अनाजों विशेष रूप से मड़ुआ के प्रसंस्करण की तकनीक को बढ़ावा देकर ग्रामीण स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

आईआईएबी के वरीय वैज्ञानिक डॉ विनय कुमार ने कहा कि मोटे अनाज उपयोगी पोषक गुणों से भरपूर होते है। हाल के दिनों में इनके प्रसंस्कृत उत्पादों की बाजार में मांग काफी बढ़ी है। प्रदेश में मोटे अनाजों की परंपरागत खेती प्रचलित है। संस्थान द्वारा प्रदेश के ग्रामीण लोगों को प्रसंस्करण तकनीकी अभिवर्धन से आजीविका सृजन को गति देने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रतिभागियों को विशेषज्ञ डॉ रेखा सिन्हा, बिंदु शर्मा एवं डॉ नीलिका चंद्रा द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उपयुक्त खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी एवं प्रयुक्त उपकरण, मोटे अनाज के मूल्यवर्धक उत्पाद, मड़ुआ द्वारा बिस्कुट, कुकीज, केक, पास्ता, सेवई, लड्डू , निमक, मिक्सचर, बर्फी, मल्टीग्रेन आटा, बाल आहार, माल्ट पेय, धूसका, मोमो, कचौरी एवं हलवा आदि और सोयाबीन से दूध व पनीर उत्पादित करने का प्रायोगिक जानकारी दी जाएगी।

डॉ रेखा सिन्हा ने बताया कि प्रतिभागियों को कृषि उद्यमिता के लिए ऋण सुविधाएं, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण में पंजीयन, व्यवसाय के लिए वित्तीय प्रबंधन और प्रसंस्कृत उत्पादों की विपणन रणनीति से भी अवगत कराया जायेगा। कार्यक्रम में रांची, गुमला, चतरा एवं खूंटी जिले के 25 महिला एवं पुरुष किसान भाग ले रहे हैं।

The post मोटे अनाज का प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन कर बढ़ा सकते हैं किसानों की आय appeared first on Birsa Agricultural University.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 2473

Trending Articles