सामुदायिक विज्ञान विभाग, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय और आईसीएआर – इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी (आईआईएबी) के संयुक्त तत्वावधान में प्रशिक्षण दिया गया. खाद्य प्रसंस्करण से मोटे अनाजों, फल व सब्जियों के मूल्यवर्धन विषय पर दूसरा प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हो गया. कार्यक्रम में रांची जिले के नामकुम प्रखंड के तेतरी डाहु, बारटोली, मालती, मानपुर आदि गाँवो के कुल 22 महिलाओं ने भाग लिया. समापन समारोह में आईआईएबी रांची के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. विनय कुमार ने सभी प्रतिभागियों को मोटे अनाजों, फल एवं सब्जियों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन से उद्यमिता शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया. इस मौके पर प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र दिये गये.
कुल 47 ग्रामीण महिलाओं को मिला प्रशिक्षण
मौके पर सामुदायिक विज्ञान की विभागाध्यक्ष एवं पाठ्यक्रम समन्यवयक डॉ. रेखा सिन्हा ने बताया कि प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन की उन्नत तकनीकी से ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर रोजगार सृजन के अनगिनत संभावनाएं हैं. इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से आईआईएबी रांची के सौजन्य से बीएयू में 6 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. दो सफल प्रशिक्षण कार्यक्रम से कुल 47 ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित हुईं. प्रतिभागियों का चयन आईआईएबी, रांची संस्थान करती है. तीसरा प्रशिक्षण कार्यक्रम 26 जुलाई से होगा. कार्यक्रम में प्रतिभागियों को विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा सिन्हा, विशेषज्ञ बिंदु शर्मा और डॉ नीलिका चंद्रा के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के उपयुक्त खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी, प्रयुक्त उपकरणों एवं मूल्यवर्धक उत्पाद की तकनीकी से अवगत कराया गया.
The post अनाज, फल व सब्जियों के मूल्यवर्धन पर प्रशिक्षण, स्वरोजगार पर जोर appeared first on Birsa Agricultural University.