कांके स्थित बीएयू के गृह विज्ञान विभाग में ‘फल और सब्जियों के मूल्यवर्धन’ पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन शनिवार को हुआ। इस अवसर पर विभाग की अध्यक्ष डॉ रेखा सिन्हा ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र और प्रशिक्षण सामग्री प्रदान की। मौके पर उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों में फल और सब्जी का प्रसंस्करण एवं उसके मूल्यवर्धन कर ग्रामीण स्तर पर महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर किया जा सकता है। प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन की नवीनतम प्रौद्योगिकी से उत्पादित मूल्यवर्धित सब्जी और फल से सामान्य ताजे सब्जी एवं फल की तुलना में दोगुना से अधिक लाभ मिल सकता है। इससे ग्रामीणों की आजीविका को सशक्त करने में मदद मिलेगी।
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में महिला प्रतिभागियों को आंवला कैंडी और मुरब्बा, मिश्रित जैम, फल जैली, आंवला शरबत, आंवला की चटनी, लालमिर्च आचार, मशरूम आचार, टमाटर सॉस, टमाटर आचार, महुआ आचार, महुआ लड्डू और बथुआ बड़ी आदि उत्पादों के मूल्यवर्धन की व्यावहारिक तकनीकों को बताया गया। डॉ सिन्हा, तकनीकी एक्सपर्ट बिंदु शर्मा और नीलिका चंद्रा ने महिलाओं को सभी व्यावहारिक तकनीकों से अवगत कराया।
मौके पर एकंबा और रोल गांव की श्रीमती रीता बेग और श्रीमती चांद उरांव ने प्रशिक्षण से मिले तकनीकों से गांव की अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करने तथा महिला समूह के सहयोग से कुटीर उद्योग की स्थापना करने की बात कही। उन्होंने प्राप्त तकनीकों से गांव में आय के वैकल्पिक साधन के सृजन का अवसर मिलने की भी बात कही।
प्रशिक्षण में कांके प्रखंड स्थित एकंबा और रोल गांव के विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूह की 26 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन गृह विज्ञान विभाग बीएयू और विज्ञान प्रसार निदेशालय नोएडा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की कौशल विकास कार्यक्रम के सौजन्य से महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया।