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कृषि तकनीको पर आकाशवाणी के सहयोग से कृषि पाठशाला प्रारंभ होगा: कुलपति

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आईसीएआर एआईसीआरपी परियोजना के अधीन मेले का हुआ आयोजन राज्य के 8 जिलो के 7 सौ से अधिक किसानो ने लिया भाग कृषि विभाग के वरीय पदाधिकारी रहे मौजूद

रांची I देश के सभी राज्यों में भारतीय अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) की अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना केन्द्रों में शुक्रवार को ‘तकनीकी एवं मशीनरी प्रत्यक्षण मेला’ का आयोजन किया गया. शुक्रवार को ही आकाशवाणी की ओर से पूरे देश में रेडियो किसान दिवस मनाया गया. इस अवसर पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा भी एकदिवसीय राज्यस्तरीय ‘तकनीकी एवं मशीनरी प्रत्यक्षण मेला’ तथा आकाशवाणी, रांची के सहयोग से रेडियो किसान दिवस का आयोजन किया गया.

मेले का उदघाट्न मुख्य अतिथि बीएयू कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने किया. अपने उदबोधन में उन्होंने कृषि समस्या के समाधान और लाभकारी कृषि में कृषि यंत्र व मशीन का उपयोग जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि इसके उपयोग से कृषि लागत में 30-40 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है.

कुलपति ने कहा कि भावी कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं प्रौद्योगिकी के समावेश से स्मार्ट कृषि पर जोर होगा. जिसे देख किसानों को ज्यादा जागरूक करने एवं प्रशिक्षित किसानों को गतिशील बनाए रखना होगा. विश्वविद्यालय ने किसानों की आय में बढ़ोतरी हेतु अनेकों तकनीकों को चिन्हित किया है. इन तकनीकों के प्रसार हेतु बीएयु वैज्ञानिकों एवं आकाशवाणी के सहयोग से कृषि पाठशाला प्रारंभ किया जायेगा ताकि अधिक से अधिक किसानों को तकनीकी रूप से जागरूक किया जा सके.

आकाशवाणी केंद्र निदेशक राजेश कुमार गौतम ने कृषि विस्तार में रेडियो की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कृषि वैज्ञानिको एवं प्रगतिशील किसानो के सहयोग से नई तकनीको के प्रचार-प्रसार पर बल दिया.

जासमीन एवं जेएमटीटीसी के कार्यकारी निदेशक ई आरपी सिंह ने कहा कि खेती की लागत घटाकर ही किसानों की आमदनी दुगुनी की जा सकती है. सरकार किसानो तक कृषि मशीनीकरण के प्रसार से कृषि लागत में कमी लाने हेतु कृत संकल्प है. झारखण्ड देश का एकमात्र राज्य है, जहा किसानो को 90 प्रतिशत अनुदान पर कृषि उपकरण उपलब्ध कराया जा रहा है.

भूमि संरक्षण निदेशक एफएन त्रिपाठी ने बताया कि कृषि मशिनरी को बढ़ावा देने हेतु राज्य में महिला समुह के माध्यम से महिला उपकरण यंत्र एवं ग्रामीण स्तर पर ग्रामीण उपकरण बैंक खोले जाने की बात कही.

समेति निदेशक डॉ महालिंगम शिवा ने कहा कि नीति आयोग के अनुसार किसानो की आय दुगुनी करने में कृषि तंत्र की अग्रणी भूमिका है. जिलो के आत्मा संस्थानों द्वारा अपने प्रशिक्षणों में कृषि यंत्र के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है.

इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि डॉ राघव ठाकुर, निदेशक अनुसंधान डॉ डीएन सिंह तथा राष्ट्रीय बागवानी निदेशक विजय कुमार ने भी अपने विचारों को रखा.

कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के उदघोषक बादल जी तथा स्वागत भाषण व धन्यवाद प्रो डीके रूसिया ने दी. मेले में 8 जिले के 7 सौ से भी अधिक किसानों ने भाग लिया.

मेले में प्रक्षेत्र उपकरण एवं मशीनरी के तहत खेतों की तैयारी से फसल कटाई उपरांत कृषि कार्यो में उपयोगी हस्त, बैल, ट्रैक्टर एवं शक्ति चालित उपकरण एवं यंत्रो की प्रदर्शनी, कृषि एवं कृषि आधारित उद्योग में नवीकरण उर्जा प्रणाली में  कृषि कार्य में उपयोगी उर्जा के श्रोत व बायोगैस तकनीकों की प्रदर्शनी, प्लास्टिक अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी प्रणाली में

पाँली हाउस तकनीक , लो टनल तकनीक, मल्चिंग एवं टपक सिंचाई तकनीक का प्रदर्शन तथा कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी के तहत कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन के तकनीकों एवं मशीन का प्रदर्शन किया गया. 

रेडियो किसान दिवस

मेले में आकाशवाणी रांची केंद्र के सहयोग से रेडियो किसान दिवस का आयोजन किया गया. इस मौके पर कटाई उपरांत तकनीकी एवं उद्योग, जल प्रबंधन,जलवायु परिवर्तन, कृषि यंत्र का उपयोग तथा किसानो की सेवा में किसान कॉल सेण्टर विषय पर किसानो के सवाल का कृषि विशेषज्ञ डॉ ए वदूद, प्रो डीके रूसिया, डॉ पीके सिंह, डॉ एस कर्मकार, डॉ एसके पाण्डेय, डॉ उत्तम कुमार, डॉ मिंटू जॉब एवं डॉ बीके झा ने जवाब दिया. कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के मधुकर पाण्डेय, लोकनाथ त्रिपाठी, गनौरी राम, बादल  एवं कन्दूलना ने किया.


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