भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) के निर्देश पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) एवं बीएयू अधीनस्थ 16 जिलों में कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) परिसर में सोमवार को पीएम किसान सम्मान सम्मलेन का लाइव प्रसारण किया गया। बीएयू मुख्यालय स्थित आरएसी प्रेक्षागृह में इस अवसर पर समारोह आयोजित की गयी। जिसमें रांची जिले के विभिन्न प्रखंडो के करीब 500 पुरुष एवं महिला किसानों ने भाग लिया।
प्रसार शिक्षा निदेशालय के सौजन्य से कृषि संकाय द्वारा इस समारोह में किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के लाइव प्रसारण को देखा एवं सुना। संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की बदलती जलवायु परिस्थिति के अनुरूप वैज्ञानिकों ने 1700 से अधिक उन्नत किस्म के बीज विकसित की है। अब किसानों को एक राष्ट्र एवं उर्वरक योजना तथा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र का लाभ मिलेगा। उर्वरक किल्लत को दूर करने के लिए नैनो उर्वरक के उत्पादन एवं प्रयोग को बढ़ावा तथा भारत ब्रांड से उर्वरक उपलब्ध होगी। किसान अब गन्ना की खेती में ड्रिप सिंचाई के उपयोग से लाभ ले रहे है। देश के करीब 3 हजार एग्री स्टार्टटप से नवाचार कृषि ला लाभ किसान ले सकते है। किसानों को धरती माता की तबियत यानि मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। ज्यादा वैज्ञानिक प्रणाली और उन्नत तकनीकी को किसानों द्वारा खुले मन से अपनाने की जरूरत है। ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी के साथ आत्मनिर्भर भारत निर्माण को गति दी जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को खाद्य तेल, कच्चा तेल और गैस के आयात में भारी खर्च करना पड़ता है। देश में तेलहनी फसल हब एवं बायो एथेनॉल निर्माण से आयात में कमी लाने के प्रयास शुरू किये गये है। मोटे अनाजों की विदेशों में भारी मांग है। अनेकों राज्यों के फल उत्पादों को निर्यात किया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत निर्माण में किसानों को दलहन उत्पादन में 70 प्रतिशत बढ़ोतरी की तरह तेलहनी फसल उत्पादन बढ़ाने में सहयोग करनी होगी। उन्नत तकनीकों को अपनाकर किसान कृषि में अवसर और माहौल बना सकते है। समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं केन्द्रीय रसायन मंत्री मनसुख मालवीय के संबोधन को भी किसानों ने सुना। मौके पर किसान उत्पादक संघठन (एफपीओ) पर आधारित लघु फिल्म को भी किसानों ने देखा।
मौके पर बतौर मुख्य अतिथि कांके विधायक समरीलाल ने कहा कि किसान की समृद्धि से ही देश मजबूत होगा। नये अनुसंधान एवं तकनीकी पर ही फसलों की अच्छी उपज निर्भर है। कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के पदाधिकारी मिलजुल कर उन्नत तकनीकी का प्रसार करें और किसान उन्नत तकनीकी को अपनाये। ताकि किसानों की आय बढे और देश आत्मनिर्भर बनें।
समारोह की अध्यक्षता डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल ने किया। संचालन यूनिवर्सिटी एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ बीके झा ने की। मौके पर सांसद प्रतिनिधि के अलावा डॉ सुशील प्रसाद, डॉ नरेंद्र कुदादा, डॉ एमएस मल्लिक, डॉ डीके शाही, डॉ पीके सिंह, डॉ एस कर्माकार, डॉ सोहन राम, डॉ पी महापात्रा, डॉ रंजय कुमार सिंह आदि भी मौजूद थे।
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